मुस्कान वर्मा रुड़की में जन्मे और देहरादून में पली-बढ़ी मुस्कान आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है, अपनी फैमिली में तीन भाई बहन में सबसे बड़ी मुस्कान बचपन से ही डांस में महारत हासिल कर चुकी थी मां ममता वर्मा जो एक टीचर हैं पापा सुरेन्द्र वर्मा जो एक अखवार में प्रेस रिपोर्टर है,एक साधरण परिवार से तलूक रखने वाली मुस्कान का फिल्मी सफर इतना आसान नही था । अपने परिवार के खिलाफ जा कर मुम्बई आयी मुस्कान का फिल्मी स्ट्रगल पूरे 2 साल तक चला पहले अपनी फैमिली को मुम्बई जाने देने को लेकर मनाना,पर पिताजी अपनी जवान बेटी को मुम्बई भेजने को लेकर मना कर चुके थे,फिर फैमली के किलाफ जाकर देहरादून से अंजान शहर मुम्बई आकर अपने दम पे अपना पहचान बनाना पर मुस्कान की जिद ओर फ़िल्म में एक्ट्रेस बनने का जुनून ही था जो आज आपनी अलग पहचान बना चुकी है वह एक Tv Ad से सफर सुरु करने वाली मुस्कान आज कई हिंदी और साउथ की फिल्में लीड कर रही है ।
मुस्कान ने अभी हाल ही में ही साउथ की फ़िल्म जर्नी ऑफ लव का शूट खत्म किया है,उस फिल्म के निर्देसक है इरफान खान,फिर क्रेजी डांस जिसका निर्देशक है सनोज मिश्रा,फिर स्टेज सिंगर जिसका निर्देसक है फैज अनवर ओर आगे उनकी एक फ़िल्म है गैंग्स ऑफ बिहार जो एक रियल गैंगवार पे आधारित हिंदी फिल्म है जिसमे मुस्कान एक अहम रोल अदा कर रही गैंग्स ऑफ बिहार फ़िल्म के निर्देशक है कुमार नीरज,, मुस्कान के लिए इतना आसान नहीं था मुम्बई का सफर यहां पहचान बनाना बिना कोई गॉड फादर का बहुत मुश्किल होता है,पर मुस्कन जुनूनी थी उसको अपने पे भरोसा था कुछ कर गुजरने का जुनून था,मुस्कान 2 साल पहले देहरादून से मुंबई आई थी जैसे सभी लोग स्ट्रगल करते है,पर मुम्बई में फिल्मी पहचान और सपोर्ट हो तो आपका स्ट्रगल छोटा हो जाता है,पर मुस्कान के लिए दोनों ही नही थे ना कोई फ़िल्म लाइन में पहचान ना कोई सपोर्ट, मुस्कान स्ट्रगल कर कर के थक चुकी थी,उसने देहरादून लौटने का फैसला किया उसने अपने पिताजी सुरेन्द्र वर्मा से कॉल पे बापस आने के बारे में बताई आम तोर पे ऐसे टाइम घर वाले खुस हो जाते है । पर मुस्कान के पिता जी सुरेन्द्र वर्मा कुछ और मिट्टी के बने थे वो अपनी बेटी के जुनून को समझ चुके थे वो जान गए थे अगर मुस्कान वापिस देहरादून आयी तो उसका हेरोइन बनने का सपना अधूरा रह जायेगा,ओर फिर सुरेन्द्र जी ने समाज और फैमली को अनसुना कर उन्होंने अपनी बड़ी बेटी मुस्कन का सपना पूरे करने का निर्णय लिया ओर खुल कर मुस्कान को सपोर्ट कर दिया ।
मुस्कान फिल्मी ऑफिस के चक्कर लगा लगा कर निराश हो जाती थी तो उसके पापा सुरेन्द्र वर्मा उसको हिम्मत हौसला बढ़ाते थे, धीरे-धीरे मुस्कान अपनी पहचान कुछ कास्टिंग डायरेक्टर से बना चुकी थी एक दिन अचानक एक कास्टिंग डायरेक्टर का एक Tv Ad के लिए कॉल आया वो ऐड था टाटा स्काई का जिसमें सुनील शेट्टी के साथ मुस्कान को लेने चाहते थे,,मुस्कान ने वो Ad के लिए खुशी खुशी हां कर दी । फिर मुस्कान कभी पीछे मुड़कर नहीं देखी और अपनी पहचान बनाने में कामयाब हो गयी,और आज मुस्कान कई अच्छी हिंदी प्रॉजेक्ट कर रही है कई और न्यू प्रोजेक्ट भी साइन की है,जो जल्दी सुरु होगी,, मुस्कान से स्ट्रगल करते कुछ लड़कियों के लिए पूछा तो वो बोली,,मुंबई में कुछ अच्छे लोग भी हैं कुछ बुरे लोग भी हैं आपको पहचानना है अच्छे लोगों को, जो आपको आपके टैलेंट पे काम देंगे, मुस्कान बताती है उसकी जुनून ही थी जिसको देख कर मुस्कान के नाराज़ पिता जी भी उसको सपोर्ट में आगये,इसलिए अपने अंदर हिम्मत जुनून रखिये आप का टैलेंट दुनियाँ देखेगी ।