महिलाओं को प्लेटफॉम देगी कल्पना की शक्ति मेनफेस्ट।
लगभग सभी भाषा की हजारो फिल्मी गानो को गा चुकी कल्पना ने ग्रामीण महिलाओं में उनकी छुपी हुई प्रतिभा या अभावों और जानकारी के अभाव में सो चुकी उनकी प्रतिभा को उभारने का फैसला किया है । महिला दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित एक पत्रकार परिषद में कल्पना ने कहा कि वह अक्सर ग्रामीण इलाकों में शो के लिए या निजी कार्यक्रमो के लिए जाती रहती है और सभी जगह स्थानीय कलाकारों में गजब की प्रतिभा देखने को मिलती है । पैसे और अपनी प्रतिभा को निखारने की जानकारी नही होने के कारण उनकी कला असमय ही दम तोड़ देती है । उन्होंने बताया कि शक्ति मेनिफिस्ट के माध्यम से कई लोगो को फायदा पहुचा है । उन्होंने बताया कि संगीत उनके लिए साधना है जिनका पेट भरा है लेकिन डिजिटल प्लेटफॉम के आ जाने से हर कोई इसे कमाई का जरिया बना सकता है ।
कल्पना ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि हाल ही में वह झारखंड के जमशेदपुर के ओल्ड एज होम्स गई थी जहां कई महिलाओं में संगीत की प्रतिभा दिखी । उन्होंने ना सिर्फ उन्हें गायन के लिए प्रेरित किया बल्कि स्थानीय रेडियो के माध्यम से उनकी आवाज भी लोगो को सुनाई । महिला दिवस की प्रसांगिकता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि बचपन मे उन्होंने आसाम में एक लड़की तेजी मौला की कहानी सुनी थी जिसे सौतली मा तड़पा तड़पा कर मार देती है । अब समय आ गया है इस तरह की कहानी के बदले उन कहानियों का की किस तरह महिला अत्याचार का विरोध करती है । आपको बता दें कि भोजपुरी संगीत को नई ऊँचाई देने में व्यस्त कल्पना इसी साल आस्ट्रेलिया में हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स के समापन समारोह में भोजपुरी गीतों की धुन बिखेरेगी । भोजपुरी के शेक्सपियर काहे जाने वाले भिखारी ठाकुर के जीवन पर द लिगेसी ऑफ भिखारी ठाकुर का निर्माण कर वाहवाही बटोर चुकी कल्पना ने भोजपुरी संगीत को प्रतिष्ठित पैड़ी फील्ड महोत्सव और एम टी वी के कोक स्टूडियो तक पहुचाया है । बहरहाल , महिला दिवस पर उनकी इस सराहनीय पहल की चर्चा सोशल मीडिया पर काफी हो रही है ।——–UDAY BHAGAT (PRO)